मनोज बाजपेयी

देवेश प्रताप

भीकू मात्रे ये नाम से कोई अनजान नहीं ......1998 में सत्या फिल्म में एक नकरातमक छवि का किरदार निभाने वाले मनोज बाजपेयी को दर्शको ने खूब पसंद किया । मनोज बाजपाई का जन्म बिहार के एक छोटे से गाँव बेलवा में हुआ । दिल्ली युनिवेर्सिटी से इन्होंने अपनी स्नातक कि पढाई पूरी कि ।
मनोज बाजपेयी एक माझे हुए कलाकार है । इनके द्वारा निभाया गया किरदार दिमाग पर एक छवि छोड़ जाता है । 1998 में बेहतरीन अभिनेता कि लिए इन्हें film fare award से नवाजा गया । बेहतरीन सह अभिनेता के लिए राष्ट्रिय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
मनोज बाजपेयी को फिल्मे तो मिलती रही है ....लेकिन सफलता कि उन उच्चाई को नहीं छु पाई जिनके वो हकदार थे । यु तो इन्होने अपने किरदार को निभाने मेन कोई कसर नहीं छोड़ा .....चाहे वो जुबेदा हो पिंजर फिल्म । मनोज बाजपाई ने अपना भाग्य तमिल फिल्म में भी अपना लेकिन वहाँ से भी उन्हें उतनी सफलता हाथ नहीं लगी जितने उन्हें उम्मीद थी । इनके द्वारा कि गयी फ़िल्में भले ही बॉक्स ऑफिस पर जायदा न टिकी हो लेकिन .....अभिनय के मामले में कोई दो राय नहीं थी .....इनके इसी अभिनय के देखते हुए प्रकाश झा ने राजनीति फिल्म में मनोज बाजपाई को एक बार फिर से अपने अभिनय का प्रदर्शन करने का मौका मिला ......और फिर से इन्होने अपने बेहतरीन अभिनय से अपने आपको साबित कर दिया ......राजनीति मेन नाना पाटेकर से लेकर अजय देवगन तक मझे हुए कलकारों के बीच में दर्शको का सबसे ज्यादा प्यार इन्हें ही प्राप्त हुआ .....हाला कि राजनीति फिल्म में सभी कलाकार ने अपने किरदार को बखूभी निभाया है । लेकिन फिल्म देखने और सिनेमा हाल से बाहर निकलने के बाद मनोज बाजपेयी का ही कारदार यादगार रह जाता है .........फिल्म हर एक संवाद को बहुत बेहतरीन तरीके से व्यक्त किया है .........तथा इस फिल्म कि सफलता ने मनोज बाजपेयी को एक बार फिर उचाईयों पर पहुंचा दिया ।
हमारी तरफ से मनोज बाजपेयी को ढेर सारी शुभकामनाएं ..........हम कामना करते है कि वो इसी तरह बुलंदियों को छु ते रहे .

अतुल कुलकर्णी


हिंदी सिनेमा में कुछ ऐसे कलाकार आते है जो केवल अपने अभिनय के बल पर एक अलग पहचान बनाते है इसमें एक नाम आता है ''अतुल कुलकर्णी '' का इनका परदे पर जबरदस्त अभिनय होता है रोल छोटा हो या बड़ा अपने किरदार को बखूभी निभाते हैं इन्हें सन २००० सर्वश्रेष्ठ ''अभिनेता फिल्म ''हे राम '' के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था और दोबारा सन २००१ में सर्वश्रेठ सह अभिनेता फिल्म ''चांदनीबार'' के लिए मिला था . ......इन्होने और कई फिल्मों में काम किया किरदार भले छोटा होता है लेकिन कोई न कोई छाप जरूर छोड़ जाता है।

बंधाई हो .......


५६ वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रियंका चोपड़ा कि झोली में आगिरा , यह पुरस्कार मधुर भंडारकर द्वारा निर्देशित फिल्म फैशन के लिए मिला , इसी फिल्म में सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री के लिए कंगना रानाउत को प्रदान किया गया





















राष्ट्रपति
प्रतिभा पाटिल द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करती अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा

‘एक वीर स्त्री कि कहानी … ..झाँसी कि रानी ’

देवेश प्रताप

इन दिनों जी टीवी पर ''झाँसी कि रानी '' ऐतिहासिक धारावाहिक अच्छा प्रदर्शन कर रहा है इस धारवाहिक में रानी लक्ष्मी बाई का किरदार निभा रही है ''उल्का गुप्ता '' यह धारवाहिक यदि सफलता के मार्ग पर है तो उल्का जी के जबरदस्त अभिनय पर इनकी अदाकारी देखते ही बनती है अपने किरदार को बहुत बखूबी निभा रही है इस धारावाहिक में काम करने से पहले उल्का ने महीने तक घुड़सवारी तथा तलवारबाजी सीखा है बेहतरीन संवाद प्रस्तुत करने के लिए संस्कृत कि भी शिक्षा लिया ताकि श्लोक और हिंदी शब्दों का सही और भाव पूर्ण उच्चारण कर सकें
इस छोटी उम्र में इस किरदार के द्वारा दर्शकों के दिल में जगह बना लिया हैभारत भूमि पर जन्मी एक वीर नारी कि कहानी झाँसी कि रानीइस किरदार को अदा करना अपने आप में गर्व कि बात हैऔर शायद यही गर्व उल्का जी भी करती होंगी

एक नयी शुरुआत

''मनोरंजन का दर्पण '' विचारों का दर्पण ........का ही हिस्सा है । ...........आप लोग के सहयोग से आज इस ब्लॉग की शुरुआत कर रहा हूं । इस ब्लॉग पर मनोरंजन से जुड़े सभी पहलूओं को छूने की कोशिश रहेगी । आज के समय में सबसे ज़्यादा तरक्की मनोरंजन की दुनिया में हो रहा है .....जो हम सब के लिए अच्छा भी .....लेकिन कही न कही दुष्प्रभाव भी है । फिलहाल ऐसे ही कुछ बातें होंगी यहाँ पर ..........बस आप सब के सहयौग और प्यार की ज़रूरत है .....बहुत बहुत धन्यवाद ।